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स्वास्थ्य रक्षक सखा-Health Care Friend

Wednesday 26 June 2013

बाहर की जिंदगी खेल से ज्यादा नहीं है।

बाहर की जिंदगी का बहुत अंतिम अर्थ नहीं है। बाहर की जिंदगी खेल से ज्यादा नहीं है। हां, ठीक से खेल लें, इतना काफी है। क्योंकि ठीक से खेलना भीतर ले जाने में सहयोगी बनता है।-ओशो

बाहर से जाग जाना बहुत आसान है, लेकिन भीतर की झूठी धार्मिक दिशा से जागना बहुत कठिन है।-ओशो

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